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मात जवाला कर उजियाला (Maat Jwala Kar Ujiyala)

मात ज्वाला कर उजियाला,

तेरी ज्योत जगाऊँ,

तेरे दरबार आके,

तेरे दरबार आके,

बनके तेरे चरणों का सेवक,

मुँह माँगा वर पाऊँ,

तेरे दरबार आके,

तेरे दरबार आके ॥


माँ अम्बे रानिये,

कितना प्यारा तेरा धाम है,

हर दुःख से दूर है वो,

जिसकी जुबां पे तेरा नाम है,

मोह माया को,

मोह माया को मन से भगा के,

तेरा ध्यान लगाऊं,

तेरे दरबार आके,

तेरे दरबार आके।।

मात ज्वाला कर उजियाला,

तेरी ज्योत जगाऊँ,

तेरे दरबार आके,

तेरे दरबार आके ॥


तुम हो वरदानी मैया,

वर दे दे करदे पूरी आस तू,

मन का अँधेरा हर ले,

ज्योति का करदे माँ प्रकाश तू,

चरणों में तेरे उम्र गुजारूं,

रंग में तेरे रंग जाऊँ,

तेरे दरबार आके,

तेरे दरबार आके ॥


मात ज्वाला कर उजियाला,

तेरी ज्योत जगाऊँ,

तेरे दरबार आके,

तेरे दरबार आके ॥


तेरे ही दर पे मिलती,

हर दुखियारे को माँ ओट है,

क्यों है ठुकराया मुझको,

कैसी ‘सरल’ में बोलो खोट है,

इस ‘लख्खा’ की,

इस ‘लख्खा’ की सुने ना कोई,

तुझको आन सुनाऊं,

तेरे दरबार आके,

तेरे दरबार आके।।

मात जवाला कर उजियाला,

तेरी ज्योत जगाऊँ,

तेरे दरबार आके,

तेरे दरबार आके ॥


मात जवाला कर उजियाला,

तेरी ज्योत जगाऊँ,

तेरे दरबार आके,

तेरे दरबार आके,

बनके तेरे चरणों का सेवक,

मुँह माँगा वर पाऊँ,

तेरे दरबार आके,

तेरे दरबार आके ॥

आया पावन सोमवार (Aaya Pawan Somwar)

आया पावन सोमवार,
चलो शिव मंदिर को जाए,

मईया ये जीवन हमारा, आपके चरणों में है(Maiya Ye Jeevan Hamara Aapke charno Me Hai)

मईया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है,

Shri Adinath Chalisa (श्री आदिनाथ चालीसा)

शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन को, करुं प्रणाम |
उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम ||

सोमवती अमावस्या व्रत से बदलेगी किस्मत

सनातन हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि काफ़ी महत्वपूर्ण माना जाता है। अमावस्या तिथि कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन होती है और इस दिन आकाश में चांद दिखाई नहीं देता है। प्रत्येक साल कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं।

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