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भोला शंकर बने मदारी, डमरू दशरथ द्वार बजायो,
भोला नही माने रे नहीं माने, मचल गए नचबे को,
भजमन राम चरण सुखदाई, भजमन राम चरण सुखदाई ॥
भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे, तो संसार सागर तरते रहोगे ।
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।
बैठ के तु पिंजरे में, पंछी काहे को मुसकाय,
भजामि शंकराये नमामि शंकराये, त्रिलोचनाये शूलपाणी चंद्र शेखराये,
भजहु रे मन श्री नंद नंदन अभय-चरणार्विन्द रे
मंदिर अब बनने लगा है, भगवा रंग चढ़ने लगा है,