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भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे (Bhajan Shyam Sundar Ka Jo Karte Rahoge)

भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।

भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।


किरपा नाथ बेशक मिलेंगे किसी दिन,

जो सतसंग से पथ से गुजरते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।


भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।


ना होगा कभी कष्ट मन को तुम्हारें,

जो अपनी बड़ाई से डरते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।


भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।


चडो गे हिरदये में सभी के सदा तुम,

जो अभिमान गिर से उतर ते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।


भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।


छलक ही पड़ेगा दया सिन्दू काबिल,

जो दगी बिंदु से रोज भरते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।


भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।


भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।

भजन श्याम सुंदर का जो करते रहोगे,

तो संसार सागर तरते रहोगे ।

शंकर तेरी जटा से बहती है गंग धारा (Shankar Teri Jata Se Behti Hai Gang Dhara)

शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,

कब लोगे खबर भोले नाथ बड़ी देर भयी ( Kab Loge Khabar Bholenath Badi Der Bhayi)

कब लोगे खबर भोलेनाथ,
बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी,

तृष्णा ना जाए मन से - भजन (Trishna Na Jaye Man Se)

तृष्णा ना जाये मन से ॥

हरियाली तीज: शिव-पार्वती से सीखें रिश्ते सहेजना

शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।

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