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सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को (Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko)

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया,

ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया...


भटका हुआ मेरा मन था कोई, मिल ना रहा था सहारा।

लहरों से लगी हुई नाव को जैसे मिल ना रहा हो किनारा। मिल ना रहा हो किनारा।

इस लडखडाती हुई नव को जो किसी ने किनारा दिखाया,

ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया...


शीतल बने आग चन्दन के जैसी राघव कृपा हो जो तेरी।

उजयाली पूनम की हो जाये राते जो थी अमावस अँधेरी। जो थी अमावस अँधेरी।

युग युग से प्यासी मुरुभूमि ने जैसे सावन का संदेस पाया।

ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया...


जिस राह की मंजिल तेरा मिलन हो उस पर कदम मैं बड़ाऊ।

फूलों मे खारों मे पतझड़ बहारो मे मैं ना कबी डगमगाऊ। मैं ना कबी डगमगाऊ।

पानी के प्यासे को तकदीर ने जैसे जी भर के अमृत पिलाया।

ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया...

वीर हनुमाना राम का दीवाना (Veer Hanumana Ram Ka Diwana)

छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना, वीर हनुमाना राम का दीवाना,

ओम सुंदरम ओमकार सुंदरम (Om Sundaram Omkar Sundaram)

ओम सुंदरम ओमकार सुंदरम,
शिव सुंदरम शिव नाम सुंदरम,

महाशिवरात्रि पूजा विधि

महाशिवरात्रि पर ही मां पार्वती व भगवान शिव विवाह के बंधन में बंधे थे। महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव व माता पार्वती को समर्पित है।

भोले बाबा से जिनका सम्बन्ध है (Bhole Baba Se Jinka Samband Hai)

भोले बाबा से जिनका सम्बन्ध है,
उनके घर में आनंद ही आनंद है ॥