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भवानी मैया शारदा भजो रे (Bhawani Maiya Sharda Bhajo Re)

भवानी मैया शारदा भजो रे,

शारदा भजो रे,

भर जेहे सकल भण्डार रे,

भवानी मैया हो ॥


रुठ के बैठी शारदा भुवन में,

शारदा भुवन में,

लंबे लंबे बिखराये अपने केश रे,

रुठ के बैठी हो ॥


रक्तवर्ण के फुलवा माँ मंगावे,

फुलवा मां मंगावे रे,

लंगुरवा पठावे हिंगलाज रे,

रक्तवर्ण के हो ॥


जाओ जाओ बारे रे लंगुरवा,

बारे रे लंगुरवा लाओ फुलवा,

पंखुडिएं जिनमें पाँच रे,

के जाओ लंगुरवा हो ॥


हिंगलाज में बैठी भवानी मैया,

बैठी भवानी मैया,

बिंदिया चमके चमक गुलज़ार रे,

अरे हिंगलाज में हो ॥


भवानी मैया शारदा भजो रे,

शारदा भजो रे,

भर जेहे सकल भण्डार रे,

भवानी मैया हो ॥


रामराज्य! शांति के दूत है हम(Ramrajya - Shanti ke doot hai hum)

शांति के दूत है हम
शांति के हैं हम पूजारी

गुरुवायुर एकादशी मंदिर की पौराणिक कथा

"दक्षिण का स्वर्ग" कहे जाने वाले अतिसुन्दर राज्य केरल में गुरुवायुर एकादशी का पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गुरुवायुर कृष्ण मंदिर में विशेष रूप से मनाया जाता है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।

श्री हनुमान साठिका (Shri Hanuman Sathika)

जय जय जय हनुमान अडंगी ।
महावीर विक्रम बजरंगी ॥

श्री नर्मदा माता जी की आरती (Shri Narmada Mata Ji Ki Aarti)

ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरि शंकर, रुद्री पालन्ती॥

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