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माँ शारदे वंदना, हे शारदे माँ (Bhajan Maa Sharade Vandana)

हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।

हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।


तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे,

हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे,

हम हैं अकेले, हम हैं अधूरे,

तेरी शरण मे, हमें प्यार दे माँ ।


हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।


मुनियों ने समझी, गुणियों ने जानी,

वेदों की भाषा, पुराणों की बानी,

हम भी तो समझें, हम भी तो जानें,

विद्या का हमको, अधिकार दे माँ ।


हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।


तु श्वेतवर्णी, कमल पे बिराजे,

हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे,

मन से हमारे, मिटा दे अंधेरे,

हमको उजालों का, संसार दे माँ ।


हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।

काशी में कैलाशी (Kaashi Mein Kailashi)

बम भोले बम भोले
कैलाश का वासी, बम भोले

राम के दुलारे, माता जानकी के प्यारे(Ram Ke Dulare, Mata Janki Ke Pyare)

जय सियाराम, बोलो जय सियाराम
जय सियाराम, बोलो जय सियाराम

जो खेल गये प्राणो पे, श्री राम के लिए (Jo Khel Gaye Parano Pe Bhajan)

जो खेल गये प्राणो पे, श्री राम के लिए,
एक बार तो हाथ उठालो,

बसंत पंचमी पर महाकुंभ का स्नान क्यों है खास?

महाकुंभ जो कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है इस बार बसंत पंचमी पर विशेष रूप से खास होने वाला है। इस दिन महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान होना तय हुआ है जो कि त्रिवेणी संगम में होगा।

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