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ऐ मालिक तेरे बंदे हम (Aye Malik Tere Bande Hum)

ऐ मालिक तेरे बंदे हम,

ऐसे हो हमारे करम

नेकी पर चले और बदी से टले,

ताकी हँसते हुये निकले दम


ये अंधेरा घना छा रहा,

तेरा इन्सान घबरा रहा

हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र,

सुख का सूरज छुपा जा रहा

है तेरी रोशनी में वो दम,

तो अमावस को कर दे पूनम


बड़ा कमजोर है आदमी,

अभी लाखों हैं इस में कमी

पर तू जो खड़ा, है दयालू बड़ा,

तेरी क्रिपा से धरती थमी

दिया तूने हमें जब जनम,

तू ही झेलेगा हम सब के ग़म


जब जुल्मों का हो सामना,

तब तू ही हमें थामना

वो बुराई करें, हम भलाई भरें,

नहीं बदले की हो कामना

बढ़ उठे प्यार का हर कदम,

और मिटे बैर का ये भरम


ऐ मालिक तेरे बंदे हम,

ऐसे हो हमारे करम

नेकी पर चले और बदी से टले,

ताकी हँसते हुये निकले दम

अगर प्यार तेरे से पाया ना होता (Agar Pyar Tere Se Paya Na Hota)

​अगर प्यार तेरे से पाया ना होता,
तुझे श्याम अपना बनाया ना होता ॥

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं (Kabhi Pyase Ko Pani Pilaya Nahi)

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, ,br> बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा,

श्री दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥

राम नाम से जगमग है (Ram Naam Se Jagmag Hai)

वो कितने धनवान धनी जो
राम के दर्शन पाते हैं