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बाबा का दरबार सुहाना लगता है (Baba Ka Darbar Suhana Lagta Hai)

बाबा का दरबार सुहाना लगता है,

भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥


हमने तो बड़े प्यार से कुटिया बनायीं है,

कुटिया में बाबा तेरी मूरत सजाई है,

अच्छा हमें तुमको सजाना लगता है,

भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥


बाबा का दरबार सुहाना लगता है,

भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥


रंग बिरंगे फूलो की लड़िया लगे प्यारी,

बालाजी तेरी सूरत हमे लागे बड़ी न्यारी,

अच्छा हमें तुझको मनाना लगता है,

भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥


बाबा का दरबार सुहाना लगता है,

भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥


हम तेरी राहों को पलकों से बुहारेंगे,

तुम ना आओगे तो बाबा तुम्हें पुकारेंगे,

अच्छा हमें तुझको बुलाना लगता है,

भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥


बाबा का दरबार सुहाना लगता है,

भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥


हम तेरी चोखट पे बाबा बिछ-बिछ जायेंगे,

कहते है भक्त तेरी महिमा गाएँगे,

अच्छा हमे रिश्ता निभाना लगता है,

भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥


बाबा का दरबार सुहाना लगता है,

भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥


बाबा का दरबार सुहाना लगता है,

भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥

राम नाम जपते है, मस्ती में रहते है(Ram Naam Japte Hai Masti Mein Rehte Hain)

राम नाम जपते है,
मस्ती में रहते है,

मेरा मिलन करा दों श्री राम से (Mera Milan Kara Do Shree Ram Se)

सागर सागर पार से सिया का,
समाचार लाने वाले,

बसंत पंचमी क्या भोग लगाएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। इसी कारण से हर वर्ष इस तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

सुन राधिका दुलारी में (Sun Radhika Dulari Main)

सुन राधिका दुलारी में,
हूँ द्वार का भिखारी,