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तेरे कितने है मुझपे एहसान, हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम (Tere Kitne Hai Mujhpe Ehsan Har Ghadi Main Japun Tera Naam)

तेरे कितने है मुझपे एहसान,

हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,

श्याम श्याम श्याम बाबा,

श्याम श्याम श्याम ॥


हार के जमाने से मैं,

तेरे दर पे आया था,

सोचा न एक पल तूने,

गले से लगाया था,

संग रहता मेरे हर पल,

सुबह शाम,

हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,

श्याम श्याम श्याम बाबा,

श्याम श्याम श्याम ॥


अपना बना के मुझे,

कभी ठुकराना ना,

जी न सकूंगा बाबा,

कभी बिसराना ना,

मेरी धड़कन मेरा जीवन,

तेरे नाम,

हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,

श्याम श्याम श्याम बाबा,

श्याम श्याम श्याम ॥


तेरे कितने है मुझपे एहसान,

हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,

श्याम श्याम श्याम बाबा,

श्याम श्याम श्याम ॥

मेरा संकट कट गया जी (Mera Sankat Kat Gaya Ji)

मेरा संकट कट गया जी,
मेहंदीपुर के दरबार में,

ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)

श्री ऋषिपंचमी व्रत कथा (भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को किया जाने वाला व्रत) राजा सुताश्व ने कहा कि हे पितामह मुझे ऐसा व्रत बताइये जिससे समस्त पापों का नाश हो जाये।

आते हैं हर साल नवराते माता के

हो, चैत महीना और अश्विन में, ओ..
चैत महीना और अश्विन में, आते मां के नवराते।
मुंह मांगा वर उनको मिलता, जो दर पे चलके आते।

अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्

सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि,चन्द्र सहोदरि हेममये ,
मुनिगणमण्डित मोक्षप्रदायनि,मञ्जुळभाषिणि वेदनुते।