कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। यह व्रत माताओं के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन माताएं अपने पुत्रों की कुशलता और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए निर्जला व्रत करती हैं।
अवतार ओ भोले,
अपने भक्तो की सुनले,
अगर प्यार तेरे से पाया ना होता,
तुझे श्याम अपना बनाया ना होता ॥
गुण गावा दिन रात गुण गवा,
विसर नाही दातार अपना नाम देहो,