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ज्योत से ज्योत जगाते चलो (Jyot Se Jyot Jagate Chalo)

ज्योत से ज्योत जगाते चलो,

ज्योत से ज्योत जगाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

राह में आये जो दीन दुखी,

राह में आये जो दीन दुखी

सब को गले से लगते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो


जिसका ना कोई संगी साथी,

ईश्वर है रखवाला

जो निर्धन है जो निर्बल है,

वो है प्रभु का प्यारा

प्यार के मोती...ती...ती...

प्यार के मोती लुटाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो


आशा टूटी, ममता रूठी,

छूट गया है किनारा

बंद करो मत द्वार दया का,

दे दो कुछ तो सहारा

दीप दया...या...या...

दीप दया का जलाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो


छाया है चारों और अँधेरा,

भटक गयी है दिशाएं

मानव बन बैठा दानव,

किसको व्यथा सुनाएँ

धरती को...को...को...

धरती को स्वर्ग बनाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो


ज्योत से ज्योत जगाते चलो,

ज्योत से ज्योत जगाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

राह में आये जो दीन दुखी,

राह में आये जो दीन दुखी

सब को गले से लगते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

त्रिपुर भैरवी जयंती कब है ?

हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को माता त्रिपुर भैरवी के जन्मदिवस को त्रिपुर भैरवी जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है जो शक्ति और पराक्रम की प्रतीक माता त्रिपुर भैरवी की महिमा को दर्शाता है।

सोमवती अमावस्या पर पितृ चालीसा का पाठ

साल 2024 की पौष माह की अमावस्या सोमवार, 30 दिसंबर को पड़ रही है। यह साल 2024 की आखिरी अमावस्या होने वाली है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान शिव की पूजा का विधान है।

आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको ( (Aali Ri Mohe Lage Vrindavan Neeko)

लागे वृन्दावन नीको,
सखी मोहे लागे वृन्दावन नीको।

Satyanarayan Bhagwan Ki Katha (सत्यनारायण कथा)

एक समय नैमिषीरण्य तीर्थ में शौनकादि 88 हजार ऋषियों ने श्री सूत जी से पूछा हे प्रभु! इस कलयुग में वेद-विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिलेगी तथा उनका उद्धार कैसे होगा।

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