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ज्योत से ज्योत जगाते चलो (Jyot Se Jyot Jagate Chalo)

ज्योत से ज्योत जगाते चलो,

ज्योत से ज्योत जगाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

राह में आये जो दीन दुखी,

राह में आये जो दीन दुखी

सब को गले से लगते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो


जिसका ना कोई संगी साथी,

ईश्वर है रखवाला

जो निर्धन है जो निर्बल है,

वो है प्रभु का प्यारा

प्यार के मोती...ती...ती...

प्यार के मोती लुटाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो


आशा टूटी, ममता रूठी,

छूट गया है किनारा

बंद करो मत द्वार दया का,

दे दो कुछ तो सहारा

दीप दया...या...या...

दीप दया का जलाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो


छाया है चारों और अँधेरा,

भटक गयी है दिशाएं

मानव बन बैठा दानव,

किसको व्यथा सुनाएँ

धरती को...को...को...

धरती को स्वर्ग बनाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो


ज्योत से ज्योत जगाते चलो,

ज्योत से ज्योत जगाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

राह में आये जो दीन दुखी,

राह में आये जो दीन दुखी

सब को गले से लगते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

फाल्गुन कृष्ण विजया नाम एकादशी व्रत (Phalgun Krishna Vijaya Naam Ekaadashi Vrat)

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने फिर भगवान् श्रीकृष्ण से पूछा कि अब आप कृपाकर फाल्गुन कृष्ण एकादशी का नाम, व्रत का विधान और माहात्म्य एवं पुण्य फल का वर्णन कीजिये मेरी सुनने की बड़ी इच्छा है।

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया - भजन (Tu Tedha Teri Tedhi Re Najariya)

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया,
मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,

काहे तेरी अखियों में पानी (Kahe Teri Akhiyo Me Pani)

काहे तेरी अखियों में पानी,
काहें तेरी अखियों में पानी,

कदम कदम पर रक्षा करता (Kadam Kadam Par Raksha Karta)

कदम कदम पर रक्षा करता,
घर घर करे उजाला उजाला,

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