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दर्शन दिया, मुझे दर्शंन दिया(Darshan Diya Ho Mujhe Darshan Diya)

भोले शंकर भोले,

तुझे पूजे दुनिया सारी रे,

तीनो लोक में भोले,

तेरी महिमा न्यारी रे,

भोले शंकर भोले,

तुझे पूजे दुनिया सारी रे,

दर्शन दिया,

मुझे दर्शंन दिया,

शिव शंकर मुझसे आन मिले,

पल भर में मेरे भाग्य खुले,

तीनो लोक के नाथ ने दर्शंन दिया,

मुझे दर्शंन दिया ॥


भोली भाली सूरत वाले,

वो तेज भरी मूरत वाले,

एक हाथ में उनके डमरू था,

हाँ उनकी छवि में जादू था,

देख लिया मैने देख लिया,

दर्शंन दिया,

मुझे दर्शंन दिया,

शिव शंकर मुझसे आन मिले,

पल भर में मेरे भाग्य खुले,

तीनो लोक के नाथ ने दर्शंन दिया,

मुझे दर्शंन दिया ॥


विष को अमृत करने वाले,

वो रूप नये भरने वाले,

थी साथ में उनके पार्वती,

आराध्य मेरे मन की देवी,

देखा किया मैं तो देखा किया,

दर्शंन दिया,

मुझे दर्शंन दिया,

शिव शंकर मुझसे आन मिले,

पल भर में मेरे भाग्य खुले,

तीनो लोक के नाथ ने दर्शंन दिया,

मुझे दर्शंन दिया ॥


पहले तो सर पे हाथ रखा,

फिर मुझको आशीर्वाद दिया,

गिर गया मैं उनके चरणों में,

शिवजी ने उठाया बाहों में,

भाग्य जगा मेरा भाग्य जगा,

दर्शंन दिया,

मुझे दर्शंन दिया,

शिव शंकर मुझसे आन मिले,

पल भर में मेरे भाग्य खुले,

तीनो लोक के नाथ ने दर्शंन दिया,

मुझे दर्शंन दिया ॥


भोले शंकर भोले,

तुझे पूजे दुनिया सारी रे,

तीनो लोक में भोले,

तेरी महिमा न्यारी रे,

भोले शंकर भोले,

तुझे पूजे दुनिया सारी रे,

दर्शन दिया,

मुझे दर्शंन दिया,

शिव शंकर मुझसे आन मिले,

पल भर में मेरे भाग्य खुले,

तीनो लोक के नाथ ने दर्शंन दिया,

मुझे दर्शंन दिया ॥


ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी (Jyeshth Maas Ki Shukla Paksh Ki Nirjala Ekaadashi)

एक समय महर्षि वेद व्यास जी महाराज युधिष्ठिर के यहाँ संयोग से पहुँच गये। महाराजा युधिष्ठिर ने उनका समुचित आदर किया, अर्घ्य और पाद्य देकर सुन्दर आसन पर बिठाया, षोडशोपचार पूर्वक उनकी पूजा की।

कन्हैया दौडा आएगा (Kanhaiya Dauda Aayega)

अपने भगत की,
आँख में आँसू,

जिन पर कृपा राम करे (Jin Par Kirpa Ram Kare)

राम नाम आधार जिन्हें,
वो जल में राह बनाते हैं,

किसे नहीं देखना चाहिए होलिका दहन

होली का त्योहार जितना रंगों और उमंग से भरा होता है, उतनी ही महत्वपूर्ण इससे जुड़ी धार्मिक परंपराएं भी हैं। होलिका दहन एक पौराणिक परंपरा है, जो बुराई के अंत और अच्छाई की जीत का प्रतीक मानी जाती है।

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