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भोले तेरे चरणों की (Bhole Tere Charno Ki)

भोले तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए,

बाबा तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए ॥


सुनता हूँ तेरी रहमत,

दिन रात बरसती है,

एक बूँद जो मिल जाए,

मन की कलि खिल जाए,

भोले तेरे चरणो की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए ॥


ये मन बड़ा चंचल है,

कैसे तेरा भजन करूँ,

जितना इसे समझाऊं,

उतना ही मचल जाए,

भोले तेरे चरणो की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए ॥


नजरों से गिराना ना,

चाहे लाख सजा देना,

नजरो से जो गिर जाए,

मुश्किल है संभल पाए,

भोले तेरे चरणो की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए ॥


भोले इस जीवन में,

बस एक तमन्ना है,

तुम सामने हो मेरे,

मेरा दम ही निकल जाए,

राधे तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए ॥


भोले तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए,

बाबा तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए ॥


वैकुंठ चतुर्दशी का महत्व

वैकुंठ चतुर्दशी हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। इसे कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। यह कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन पहले आता है और देव दिवाली से भी संबंधित है।

उठ खड़ा हो लक्ष्मण भैया जी ना लगे (Uth Khada Ho Lakshman Bhayia Ji Na Lage)

उठ खड़ा हो लक्ष्मण भैया जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे ॥

हे गिरधर गोपाल लाल तू आजा मोरे आँगना (Hey Girdhar Gopaal Laal Tu Aaja More Angana)

हे गिरधर गोपाल लाल तू,
आजा मोरे आँगना,

कब है षटतिला एकादशी

विश्व के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित षटतिला एकादशी के व्रत का सनातन धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व है।

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