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जीमो जीमो साँवरिया थे (Jeemo Jeemo Sanwariya Thye)

जीमो जीमो साँवरिया थे,

आओ भोग लगाओ जी,

बाँसुरिया की तान सुनाता,

छम छम करता आओ जी,

जीमो जीमो साँवरिया थे,

आओ भोग लगाओ जी ॥


माखन मिश्री मेवा मोदक,

मनचाया मिष्ठान जी,

रसगुल्ला रस भरी जलेबी,

छप्पन रस पकवान जी,

पूड़ी कचौड़ी खट्टी मीठी,

पूड़ी कचौड़ी खट्टी मीठी,

चटनी चाख बताओ जी,

जीमो जीमो सांवरिया थे,

आओ भोग लगाओ जी ॥


जो कुछ भी है आप री किरपा,

मेरी के औकात जी,

देवणीया थे लेवणिया मैं,

सिमरा दिन और रात जी,

दीनानाथ दयालु भगवन,

दीनानाथ दयालु भगवन,

आओ बैगा आओ जी,

जीमो जीमो सांवरिया थे,

आओ भोग लगाओ जी ॥


लहरी भाव भरोसो पुरो,

राखो माथे हाथ जी,

बरसाओ सांवरिया अब तो,

अमृत की बरसात जी,

सेवा में कोई भूल-चूक हो,

सेवा में कोई भूल-चूक हो,

सांवरिया बिसराओ जी,

जीमो जीमो सांवरिया थे,

आओ भोग लगाओ जी ॥


जीमो जीमो साँवरिया थे,

आओ भोग लगाओ जी,

बाँसुरिया की तान सुनाता,

छम छम करता आओ जी,

जीमो जीमो साँवरिया थे,

आओ भोग लगाओ जी ॥


ललिता देवी मंदिर शक्तिपीठ

मां ललिता देवी का मंदिर देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर 88 हजार ऋषियों की तपस्थली, वेदों और पुराणों की रचना स्थली नैमिषारण्य में स्थित है। मां ललिता देवी को त्रिपुर सुंदरी के नाम से भी जाना जाता है।

आये जी आये नवराते (Aaye Ji Aaye Navrate)

आये जी आये नवराते आये,
भक्तों को मैया दर्शन दिखाएं,

होली आई रे होली आई रे(Holi Ae Re Holi Aae Re)

होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी
भागन पे आयो है फागण महीना कभू प्रेम की होरी बईं न,

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