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सांवरा जब मेरे साथ है(Sanwara Jab Mere Sath Hai)

सांवरा जब मेरे साथ है,

हमको डरने की क्या बात है ।

इसके रहते कोई कुछ कहे,

बोलो किसकी यह औकात है ॥


छाये काली घटाए तो क्या,

इसकी छतरी के नीचे हूँ मैं ।

आगे आगे यह चलता मेरे,

मेरे मालिक के पीछे हम मैं ।

इसने पकड़ा मेरा हाथ है,

मुझको डरने की क्या बात है ॥


इसकी महिमा का वर्णन करू,

मेरी वाणी में वो दम नहीं ।

जब से इसका सहारा मिला

फिर सताए कोई गम नहीं ।

बाबा करता करामत है

हमको डरने की क्या बात है ॥


क्यों मैं भटकू यहाँ से वहां

इसके चरणों में है बैठना ।

झूठे स्वार्थ के रिश्ते सभी,

कहना से है रिश्ता बना ।

ये करता मुलाकात है,

हमको डरने की क्या बात है ॥


जहां आनद की लगती झड़ी,

ऐसी महफ़िल सजता है ये ।

‘बिन्नू’ क्यों ना दीवाना बने,

ऐसे जलवे दिखता है ये ।

दिल चुराने में विख्यात है,

हमको डरने की क्या बात है ॥

छम छम नाचे हनुमान, बजे रे पग पैजनिया (Cham Cham Nache Hanuman Baje Re Pag Paijaniya)

छम छम नाचे हनुमान,
बजे रे पग पैजनिया,

राम को देख कर के जनक नंदिनी (Ram Ko Dekh Ke Janak Nandini)

राम को देख कर के जनक नंदिनी,
बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी।

काल भैरव की कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इस दिन तंत्र-मंत्र के देवता काल भैरव की पूजा की जाती है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप हैं।

सावन में श्याम बिहारी, झूलेंगे कृष्ण मुरारी(Sawan Mein Shyam Bihari Jhulenge Krishna Murari)

सावन में श्याम बिहारी,
झूलेंगे कृष्ण मुरारी,

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