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दुर्गा पूजा पुष्पांजली

प्रथम पुष्पांजली मंत्र



ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।


दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥


एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥



द्वितीय पुष्पांजली मंत्र


ॐ महिषघ्नी महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी ।


आयुरारोग्यविजयं देहि देवि! नमोऽस्तु ते ॥


एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः ॥



तृतीया पुष्पांजली मंत्र


ॐ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।


शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते ॥१॥


सृष्टि स्थिति विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।


गुणाश्रये गुणमये नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥२॥



शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।


सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥३॥

जया एकादशी चालीसा का पाठ

माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है।

बुधवार को किन मंत्रों का जाप करें?

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