अप्रैल 2025 में मासिक कार्तिगाई कब है

Masik Karthigai 2025: अप्रैल महीने में इस दिन मनाई जाएगी मासिक कार्तिगाई, इसे कहा जाता है आत्मज्ञान का त्योहार 

मासिक कार्तिगाई का हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस पर्व पर भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। यह कार्तिगाई या कृत्तिका नक्षत्र में पड़ता है। इस दिन “श्री सुब्रह्मण्य कवच स्तोत्र” का पाठ भगवान कार्तिकेय की असीम कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ऐसा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि की वृद्धि होती है।  

मासिक कार्तिगाई को बन रहा है खास संयोग

इस वर्ष मासिक कार्तिगाई 1 अप्रैल को मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 1 अप्रैल को सिद्धि योग बन रहा है, जो एक विशेष योग है। इसलिए इस दिन किए जाने वाले सभी कार्य सिद्ध होंगे। साथ ही, इस दिन पूजा अर्चना करने से फलदायक आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। 

सुब्रह्मण्य स्वामी मंदिर जाने क्या है विशेष महत्व 

मासिक कार्तिगाई तमिलनाडु में धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही, इस पर्व पर भगवान कार्तिकेय की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए तमिलनाडु के लोग इसे बहुत महत्वपूर्ण समय मनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से आपके जीवन से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और सकारात्मकता का संचार होता है। 

मासिक कार्तिगाई को आत्मज्ञान और प्रकाश का त्योहार भी कहा जाता है, जिसमें भक्त अपने घरों और मंदिरों में दीया जलाते हैं। इस दिन सुब्रह्मण्य स्वामी मंदिर के दर्शन का विशेष महत्व है, जो कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित है। इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय को सुब्रह्मण्य के रूप में पूजा जाता है, जिन्हे सभी नागों के देवता भी मानते हैं। 

अप्रैल माह की मासिक कार्तिगाई को जलाएं घरों में दिया 

अप्रैल महीने में आने वाली मासिक कार्तिगाई पर सिद्धि योग बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व है और भी बढ़ जाता है। इसलिए दिन विधिवत रूप से पूजा करके आप अपने कार्यों की सिद्धि कर सकते हैं तथा मनचाहा आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते हैं। 

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहने और व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान कार्तिकेय की चित्र या मूर्ति लें और उसे अपने घर के पूजा स्थान पर रखें। 
  • भगवान कार्तिकेय को चंदन लगाएं और फिर पुष्प अर्पित करें।
  • भोग में फल, मिठाई और पंचमेवा चढ़ाएं।
  • इस दिन सुब्रह्मण्य कवच स्त्रोत का पाठ करें, इससे विशेष फल की प्राप्ति होती है और घर का वातावरण शुद्ध होता है।  
  • इस दिन दीया जलाने की विशेष परंपरा होती है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 

........................................................................................................
मेरा दिल तो दीवाना हो गया, मुरली वाले तेरा (Mera Dil To Deewana Ho Gaya Murli Wale Tera)

मेरा दिल तो दीवाना हो गया, मुरली वाले तेरा,

ऐसा दरबार कहाँ, ऐसा दातार कहाँ (Aisa Darbar Kahan Aisa Datar Kaha)

ऐसा दरबार कहाँ,
ऐसा दातार कहाँ,

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि

सनातन धर्म में भाद्रपद माह को सभी माह में विशेष माना जाता है। इस माह को भगवान कृष्ण के जन्म से जोड़ा गया है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

गोविंद चले चरावन धेनु(Govind Chale Charaavan Dhenu)

गोविंद चले चरावन धेनु
गृह गृह तें लरिका सब टेरे

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।