आरती भगवान श्री खाटू श्याम जी की (Aarti Bhagwan Shri Khatu Shyam Ji Ki)

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥

ॐ जय श्री श्याम हरे.....


रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे ।

तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे.....


गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे ।

खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे.....


मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे ।

सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे.....


झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे ।

भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे.....


जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे ।

सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे.....


श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे ।

जपत दयामय स्वामी, मनवांछित फल पावे ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे.....


ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ॥


ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥


हारे के सहारे बाबा खाटू श्याम की जय 

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करो हरी का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती हे (Karo Hari Ka Bhajan Pyare, Umariya Beeti Jati Hai)

करो हरी का भजन प्यारे,
उमरिया बीती जाती हे,

मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए (Mujhe Tera Sahara Sada Chahiye)

आसरा इस जहाँ का मिले न मिले,
मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए ॥

रंग पंचमी पर चालीसा पाठ

रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। इसे बसंत महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने का महत्व बताया गया है।