नवीनतम लेख
रीझा भरी घडी यह आई, घर घर होई रोशनाई
पंथ निहारत, डगर बहारथ, होता सुबह से शाम,
कर प्रणाम तेरे चरणों में लगता हूं अब तेरे काज । पालन करने को आज्ञा तब मैं नियुक्त होता हूं आज ॥
काहे तेरी अखियों में पानी, काहें तेरी अखियों में पानी,
कर किरपा तेरे गुण गाँवा, नानक नाम जपत सुख पाँवा,
काहे इतनी देर लगाई, आजा रे हनुमान आजा,
श्री राम जय राम जय जय राम
कर दो दुखियो का दुःख दूर, ओ बाघम्बर वाले,
कांवड़ सजा के चालो, सावन ऋतू है आई,
कहन लागे मोहन मैया मैया, पिता नंद महर सों बाबा बाबा,