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करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार ।
कितने दिनों के बाद है आई, भक्तो रात भजन की,
कितना सोणा है दरबार, भवानी तेरा ये सिणगार,
कितना रोई पार्वती, शिवनाथ के लिए,
कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अँधेरा है,
कितना प्यारा है सिंगार, की तेरी लेउ नज़र उतार,
किस्मत को मेरी आज, बना क्यों नहीं देते,
किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी, क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ।
किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए । किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।