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कितने दिनों के बाद है आई, भक्तो रात (Kitne Dino Ke Baad Hai Aayi Bhakto Raat)

कितने दिनों के बाद है आई,

भक्तो रात भजन की,

अब आ भी जा माँ,

आस लगाई आई,

भक्तो रात भजन की ॥


सूरज चाँद सितारे हरदम,

तेरा माँ गुण गाते,

दूर दूर से भक्त माँ तेरे,

दर्शन पाने आते,

तेरे चरणों में माँ,

ज्योत जलाई आई,

भक्तो रात भजन की,

कितने दिनो के बाद है आई,

भक्तो रात भजन की ॥


दुखियों का दुःख दूर करे माँ,

दुष्टों का संहार करे,

जो माँ को श्रद्धा से ध्याये,

माँ उसका उद्धार करे,

सच कहती हूँ है ये,

ममता की माई आई,

भक्तो रात भजन की,

कितने दिनो के बाद है आई,

भक्तो रात भजन की ॥


इस जग में सबकुछ है पराया,

झूठी है सब माया,

धूल जाते है पाप सभी जब,

माँ का दर्शन पाया,

बस दर्शन पाले तेरा,

शेरावाली माई आई,

भक्तो रात भजन की,

कितने दिनो के बाद है आई,

भक्तो रात भजन की ॥


कितने दिनों के बाद है आई,

भक्तो रात भजन की,

अब आ भी जा माँ,

आस लगाई आई,

भक्तो रात भजन की ॥

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल (Shri Govardhan Wasi Sanwarey Lal)

श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल,
तुम बिन रह्यो न जाय हो ॥

हम वन के वासी, नगर जगाने आए (Hum Van Ke Vaasi Nagar Jagane Aaye)

हम वन के वासी,
नगर जगाने आए ॥

शाबर मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

शाबर मंत्र भगवान शिव की विशेष कृपा का प्रतीक हैं, जो मनुष्य की समस्याओं को सहजता से हल करने के लिए बनाए गए। ये मंत्र संस्कृत के कठिन श्लोकों के विपरीत, क्षेत्रीय भाषाओं और बोली में रचे गए हैं, जिससे हर कोई इन्हें आसानी से पढ़ और उपयोग कर सकता है।

भोले ओ भोले आया दर पे (Bhole O Bhole Aaya Dar Pe)

भोले ओ भोले आया दर पे,
मेरे सिर पे,