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मेरे राघव जी उतरेंगे पार, गंगा मैया धीरे बहो(Mere Raghav Ji Utrenge Paar, Ganga Maiya Dheere Baho)

मेरे राघव जी उतरेंगे पार,

गंगा मैया धीरे बहो,

मैया धीरे बहो,

मैया धीरे बहो,

मेरे राघव जी उतरेगे पार,

गंगा मैया धीरे बहो ॥


गहरी नदियां नाव पुरानी,

चले पुरवैया ना गति ठहरानी,

मेरे प्रियतम बड़े सुकुमार,

गंगा मैया धीरे बहो,

मेरे राघव जी उतरेगे पार,

गंगा मैया धीरे बहो ॥


राम सिया और लखन विराजे,

शीश जटा तन मुनिपट साजे,

आज शोभा बनी है अपार,

गंगा मैया धीरे बहो,

मेरे राघव जी उतरेगे पार,

गंगा मैया धीरे बहो ॥


पुलक शरीर नीर अंखियन में,

आनंद मगन होत दर्शन में,

भवसागर से मोहे उतार,

गंगा मैया धीरे बहो,

मेरे राघव जी उतरेगे पार,

गंगा मैया धीरे बहो ॥


मेरे राघव जी उतरेंगे पार,

गंगा मैया धीरे बहो,

मैया धीरे बहो,

मैया धीरे बहो,

मेरे राघव जी उतरेगे पार,

गंगा मैया धीरे बहो ॥

नरसिंह द्वादशी 2025 तिथि और महत्व

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह भगवान की पूजा करने की परंपरा है।

गणपति तेरे चरणों की, पग धूल जो मिल जाए (Ganapati Tere Charno Ki Pag Dhool Jo Mil Jaye)

गणपति तेरे चरणों की,
बप्पा तेरे चरणों की,

देवों के देव है ये, महादेव कहलाते है (Devon Ke Dev Hai Ye Mahadev Kahlate Hai)

सबको अमृत बांटे,
खुद विष पि जाते है,

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ (Akhiya Hari Darshan Ki Pyasi)

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥