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मेरी विपदा टाल दो आकर (Meri Vipda Taal Do Aakar)

मेरी विपदा टाल दो आकर,

हे जग जननी माता ॥


तू वरदानी है,

आद भवानी है,

माँ तू वरदानी है,

आद भवानी है,

क्या में तेरा लाल नहीं हूँ,

क्या तू माँ नहीं मेरी,

फिर क्यों लगाई देरी,

तू ही कहदे है ये कैसा,

माँ बेटे का नाता,

शेरों वाली माता,

शेरों वाली माता ॥


में अज्ञानी हूँ,

मूरख प्राणी हूँ,

माँ में अज्ञानी हूँ,

मूरख प्राणी हूँ,

जिस पर भी तुमने,

ओ मेरी मैया,

दृष्टि दया की डाली,

उसकी मिटी कंगाली,

तेरे दर पे आकर प्राणी,

मुँह माँगा वर पाता,

मेहरो वाली माता,

हे जग जननी माता ॥


मात भवानी हो,

जग कल्याणी हो,

माँ मात भवानी हो,

जग कल्याणी हो,

लख्खा तेरे दर पे आया,

धूल चरण की पाने,

सोया भाग्य जगाने,

तेरी चौखट छोड़ के शर्मा,

और कहाँ अब जाता,

हे जग जननी माता ॥


मेरी विपदा टाल दो आकर,

हे जग जननी माता,

शेरों वाली माता,

मेहरो वाली माता ॥


पापमोचनी एकादशी विष्णु पूजा विधि

पापमोचनी एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत माना गया है। पापमोचनी एकादशी व्रत का वर्णन स्कंद पुराण में किया गया है, जहां इस बात की चर्चा की गई है, की इस व्रत का पालन करने से मनुष्य अपने पिछले जन्मों के दोषों से भी मुक्त हो सकता है।

बांटो बांटो मिठाई मनाओ ख़ुशी (Banto Banto Mithai Manao Khushi)

बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी,
मुँह मीठा करवाओ अवध वासियो ।

मेरा भोला हे भंडारी, जटाधारी अमली (Mera Bhola Hai Bhandari Jatadhari Amali)

मेरा शिव भोला भंडारी,
जटाधारी अमली,

मासिक शिवरात्रि: भगवान शिव नमस्काराथा मंत्र

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। नवंबर माह की शिवरात्रि मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ती है, और यह दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने का उत्तम अवसर है।

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