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कीर्तन है वीर बजरंग का, नच नच कर इनको मना,
किरपा मिलेगी श्री राम जी की, भक्ति करो, भक्ति करो,
मैं रूप तेरे पर, आशिक हूँ, यह दिल तो तेरा, हुआ दीवाना
कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि, री लीला गुदवाय लो प्यारी ।
खुल गये सारे ताले वाह क्या बात हो गयी, जबसे जन्मे कन्हैया करामात हो गयी ॥
खुल गया बैंक राधा, रानी के नाम का,
खोलो समाधी भोले शंकर, मुझे दरश दिखाओ,
खेले मसाने में होरी, दिगम्बर,
खाटू वाले श्याम प्यारे, खूब कियो श्रृंगार,
कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर,