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कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर (Kripalu Bade Hai Shri Shyam Sundar)

कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे,

इनके हृदय में प्रेम भरा है,

भगवन सबों से प्रेम है करते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


कौन है अपना कौन बेगाना,

कौन है बैरी कौन दीवाना,

इनके लिए सब एक बराबर,

इनके लिए सब एक बराबर,

भगवन किसी से भेद ना करते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


कोई कहे गिरधर कोई मुरलीधर,

कोई कहे छलिया कोई कहे नटवर,

किसी नाम से भी इनको पुकारों,

किसी नाम से भी इनको पुकारों,

प्रेम की भाषा भगवन समझते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


राधा तो इनके दिल में समाई,

करके भक्ति सोई मीरा ने पाई,

‘नंदू’ भगत के भाव समझकर,

‘नंदू’ भगत के भाव समझकर,

भक्तों को वत्सल दूर ना रहते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे,

इनके हृदय में प्रेम भरा है,

भगवन सबों से प्रेम है करते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥

मैं उस दरबार का सेवक हूँ जिस दर की अमर कहानी है (Main Us Darbaar Ka Sevak Hu)

मैं उस दरबार का सेवक हूँ,
जिस दर की अमर कहानी है,

सवारिये ने भूलूं न एक घडी(Sanwariye Ne Bhule Naa Ek Ghadi)

पूरन ब्रह्म पूरन ज्ञान
है घाट माई, सो आयो रहा आनन्द

चैत्र माह की पौराणिक कथा

नवरात्रि का अर्थ नौ रातें होता है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है। उनके नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्र का खास महत्व है।

कन्हैया ने जब पहली बार बजाई मुरली, सारी सृष्टि में आनंद की लहर दौड़ी

मुरलीधर, मुरली बजैया, बंसीधर, बंसी बजैया, बंसीवाला भगवान श्रीकृष्ण को इन नामों से भी जाना जाता है। इन नामों के होने की वजह है कि भगवान को बंसी यानी मुरली बहुत प्रिय है। श्रीकृष्ण मुरली बजाते भी उतना ही शानदार हैं।