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गजानन करदो बेड़ा पार(Gajanan Kardo Beda Paar)

गजानन करदो बेड़ा पार,

आज हम तुम्हे मनाते हैं,

तुम्हे मनाते हैं,

गजानन तुम्हे मनाते हैं ॥

सबसे पहले तुम्हें मनावें,

सभा बीच में तुम्हें बुलावें,

सभा बीच में तुम्हें बुलावें है ।

॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥


आओ पार्वती के लाला,

मूषक वाहन सूंड सुन्दाला,

मूषक वाहन सूंड सुन्दाला ।

॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥


भक्त जनों ने टेर लगाई,

सबने मिलकर महिमा गाई,

सबने मिलकर महिमा गाई ।

॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥


उमापति शंकर के प्यारे,

तू भक्तों के काज सवारे,

तू भक्तों के काज सवारे ।

॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥


लड्डू पेडा भोग लगावें,

पान सुपारी पुष्प चढावें,

पान सुपारी पुष्प चढावें ।

॥ गजानंद कर दो बेड़ा पार...॥


गजानन कर दो बेड़ा पार,

आज हम तुम्हे मनाते हैं,

तुम्हे मनाते हैं,

गजानन तुम्हे मनाते हैं ॥

काल भैरव के 108 मंत्र

मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव जयंती मनाई जाती है, जिसे कालभैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन काशी के कोतवाल कहे जाने वाले भगवान काल भैरव की पूजा का विधान है।

छठी मईया प्रसिद्ध गीत

ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए। मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं - माँ संतोषी (Karti Hu Tumhara Vrat Main)

करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं,
स्वीकार करो माँ,

माँ अंजनी के लाल, थोड़ा ध्यान दीजिये(Maa Anjani Ke Lal Thoda Dhyan Dijiye)

माँ अंजनी के लाल,
थोड़ा ध्यान दीजिये,

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