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खाटू वाले श्याम प्यारे(Khatu Wale Shyam Pyare)

खाटू वाले श्याम प्यारे,

खूब कियो श्रृंगार,

रूप तेरो मन भावे,

मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,

लीले के असवार,

रूप तेरो मन भावे ॥


रंग सुनहरी केसरी बागा,

सुन्दर छवि प्यारी है,

अहिलावती के लाल जगत में,

तेरी शान निराली है,

जो कोई आवे गले लगावे,

देता सबको प्यार,

रूप तेरो मन भावे,

मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,

लीले के असवार,

रूप तेरो मन भावे ॥


जिसने दिल से याद किया प्रभु,

तू उसका ग़मख़ार बना,

हारे को तू देता सहारा,

तू यारो का यार बना,

रूप सलोना भोला मुखड़ा,

सबसे बड़ा दिलदार,

रूप तेरो मन भावे,

मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,

लीले के असवार,

रूप तेरो मन भावे ॥


धन्ना भगत का यार बना तू,

खेत में उसके काम किया,

नरसी भगत की हुंडी तारी,

सेठ सांवलिया नाम लिया,

ओ भगतों के प्यारे तुझको,

‘भोला’ रहा पुकार,

रूप तेरो मन भावे

मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,

लीले के असवार,

रूप तेरो मन भावे ॥


खाटू वाले श्याम प्यारे,

खूब कियो श्रृंगार,

रूप तेरो मन भावे,

मोरछड़ी तेरे हाथ में साजे,

लीले के असवार,

रूप तेरो मन भावे ॥

पौष पूर्णिमा उपाय

पूर्णिमा तिथि महीने में 1 बार आती है। इस तरह पूरे साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इन्हीं पूर्णिमा तिथ्यों में से एक है पौष माह की पूर्णिमा। वैसे तो हर महीने की पूर्णिमा तिथि शुभ होती है, लेकिन इस साल पौष पूर्णिमा खास होने जा रही है।

चैत्र मास में करें ये उपाय

चैत्र माह की शुरुआत 15 मार्च से हो रही है। यह हिंदू पंचांग का पहला महीना है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्व है। इस मास में की गई पूजा, व्रत और दान-पुण्य का प्रभाव संपूर्ण वर्ष पर पड़ता है। इसके अलावा मान्यता है कि इस माह में कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सफलता प्राप्त होती है।

अर्जी सुनकर मेरी मैया, घर में मेरे आई (Arji Sunkar Meri Maiya, Ghar Mein Mere Aayi)

अर्जी सुनकर मेरी मैया,
घर में मेरे आई,

होली से पहले आने वाला होलाष्टक क्या है

एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार जब प्रह्लाद भगवान विष्णु की स्तुति गाने के लिए अपने पिता हिरण्यकश्यप के सामने अड़ गए, तो हिरण्यकश्यप ने भगवान हरि के भक्त प्रह्लाद को आठ दिनों तक यातनाएं दीं।

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