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खाटू चालों खाटू चालों, खाटू वाले श्याम धणी को,
खाटू वाला श्याम, सपने में आता है ॥
खाटू वाला खुद खाटू से, तेरे लिए आएगा,
थासु विनती कराहाँ बारंबार, सुनो जी सरकार,
ब्रह्मानंदम परम सुखदम, केवलम् ज्ञानमूर्तीम्,
प्रभु केवट की नाव चढ़े कभी कभी भगवान को भी भक्तो से काम पड़े ।
खबर मेरी ले लेना, उज्जैन के महाकाल ॥
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना ।
कभी दुर्गा बनके, कभी काली बनके,
सुख दुःख दोनों रहते जिस में जीवन है वो गाओं