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खाटू वाले श्याम धणी को, हैलो आयो है(Khatu Wale Shyam Dhani Ko Helo Aayo Hai)

खाटू चालों खाटू चालों,

खाटू वाले श्याम धणी को,

हैलो आयो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


जगह जगह से,

प्रेमियाँ की टोली आवे है,

नाच झूम के बाबा ने,

निशान चढ़ावें है,

चाव घणों है सब भक्ता को,

मन हर्षायो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


रंग अबीर उड़ावे सगला,

उधम मचावे है,

जोर जोर से श्याम की,

जय जयकार लगावे है,

भक्ता को खाटू नगरी,

में रेलो आयों है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


फागणिये में रंग रसिया को,

खूब सजे दरबार,

मांगणिये का भरे खजाना,

श्याम धनी दातार,

‘गोलू’ के मन की मत पूछो,

आनंद छायों है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥


खाटू चालों खाटू चालों,

खाटू वाले श्याम धणी को,

हैलो आयो है,

रंग रंगिलों फागणिये को,

मेलो आयो है,

खाटू चालों खाटू चालों ॥

ओ माँ पहाड़ावालिये, सुन ले मेरा तराना (O Maa Pahadan Waliye Sun Le Mera Tarana)

ओ माँ पहाड़ावालिये,
सुन ले मेरा तराना ॥

विवाह पंचमी पर शादी क्यों नहीं होती ?

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है। आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह तिथि नवंबर या दिसंबर के महीने में आती है।

मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि व्रत काफ़ी शुभ माना जाता है। यह त्योहार हर मास कृष्ण पक्ष के 14वें दिन मनाया जाता है। इस बार यह व्रत शुक्रवार, 29 नवंबर 2024 के दिन मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त इस तिथि पर व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं, उन्हें सुख-शांति और धन-वैभव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि शिव जी की कृपा प्राप्त करने के लिए यह व्रत काफ़ी महत्वपूर्ण है।

श्री लक्ष्मीनारायण जी की आरती

जय लक्ष्मी-विष्णो, स्वामी जय लक्ष्मीनारायण,
जय माधव, जय श्रीपति, जय, जय, जय विष्णो॥

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