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अम्बे रानी ने, अपना समझ कर मुझे,
अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये, बोल मेरी मैया तुझे क्या कहा जाये ॥
अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे, अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे ॥
हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥
बााबा नेने चलियौ हमरो अपन नगरी, बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,
बाबा मुझे ये तो बता, कोई इतना भी देता है क्या,
अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना, तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।
अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।
ऊँचे ऊँचे मंदिर तेरे, ऊँचा तेरा धाम,
अजब है भोलेनाथ ये, दरबार तुम्हारा,