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अम्बे रानी ने, अपना समझ कर मुझे: भजन (Ambe Rani Ne Apna Samjh Kar Mujhe)

अम्बे रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

शेरा वाली ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

विघ्नहर्ता विनायक ने,

शुभ लाभ को,

माँ की महिमा बताया,

मजा आ गया,

पाप सब धूल गया,

भाग्य ही खुल गया,

चरणों में सिर झुकाया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


भैरव खुश हो गए,

ध्यान में खो गए,

और हनुमान,

श्री राम जपने लगे,

ब्रम्हा ने व्यास को,

एक नए वेद का,

ज्ञान फिर से कराया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


स्तुति माँ की करने,

लगा स्वर्ग में,

देवताओं सहित,

वज्र ‘देवेंद्र’ का,

कृपा ‘कुलदीप’ पर,

करके करुणामयी,

‘गुरु ब्रजमोहन’ पर,

करके करुणामयी,

तूने जो कुछ लिखाया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


अम्बे रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

शेरा वाली ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

विघ्नहर्ता विनायक ने,

शुभ लाभ को,

माँ की महिमा बताया,

मजा आ गया,

पाप सब धूल गया,

भाग्य ही खुल गया,

चरणों में सिर झुकाया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


बैठी हो माँ सामने, कर सोलह श्रृंगार (Baithi Ho Maa Samne Kar Solah Shringar)

बैठी हो माँ सामने,
कर सोलह श्रृंगार,

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

सात्विक मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

'मंत्र' का अर्थ है मन को एकाग्र करने और अनावश्यक विचारों से मुक्त करने का एक सरल उपाय। आज की तेज़ भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक शांति प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो गया है।

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