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अम्बे रानी ने, अपना समझ कर मुझे: भजन (Ambe Rani Ne Apna Samjh Kar Mujhe)

अम्बे रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

शेरा वाली ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

विघ्नहर्ता विनायक ने,

शुभ लाभ को,

माँ की महिमा बताया,

मजा आ गया,

पाप सब धूल गया,

भाग्य ही खुल गया,

चरणों में सिर झुकाया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


भैरव खुश हो गए,

ध्यान में खो गए,

और हनुमान,

श्री राम जपने लगे,

ब्रम्हा ने व्यास को,

एक नए वेद का,

ज्ञान फिर से कराया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


स्तुति माँ की करने,

लगा स्वर्ग में,

देवताओं सहित,

वज्र ‘देवेंद्र’ का,

कृपा ‘कुलदीप’ पर,

करके करुणामयी,

‘गुरु ब्रजमोहन’ पर,

करके करुणामयी,

तूने जो कुछ लिखाया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


अम्बे रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

शेरा वाली ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया,

विघ्नहर्ता विनायक ने,

शुभ लाभ को,

माँ की महिमा बताया,

मजा आ गया,

पाप सब धूल गया,

भाग्य ही खुल गया,

चरणों में सिर झुकाया,

मजा आ गया,

अम्बें रानी ने,

अपना समझ कर मुझे,

अपने दर पे बुलाया,

मजा आ गया ॥


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