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बााबा नेने चलियौ हमरो अपन नगरी (Baba Nene Chaliyo Hamaro Apan Nagari)

बााबा नेने चलियौ हमरो अपन नगरी,

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,

अपन नगरी हो झारखण्ड डगरी

बबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी

अँगना बहारब बाबा, घरवा बहारब

अँगना बहारब बाबा, घरवा बहारब

औरो बहारब अहां के डेहरी बाबा

औरो बहारब अहां के डेहरी

बा बा नेने चलियौ हमरो अपन नगरी,

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी


अहां के नगर में बाबा गंगा नहायब

अहां के नगर में बाबा गंगा नहायब

जल भरी आनब भरी गगरी

बाबा जल भरी आनब भरी गगरी

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,


कार्तिक गणपति गोद खिलायब

कार्तिक गणपति गोद खिलायब

पीसब भांग रगड़ी रगड़ी बाबा

पीसब भांग रगड़ी रगड़ी

बाब लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी


सांझ सवेरे बाबा झांकी निहारब

जीवन सफल होयत हमरी

बाबा जीवन सफल होयत हमरी

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,

अपन नगरी हो झारखण्ड डगरी

बाबा लेले चलियौ हमरो अपन नगरी,


हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ(Hey Raja Ram Teri Aarti Utaru)

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ
आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

सकट चौथ पर चांद की पूजा क्यों होती है

हिंदू धर्म में सकट चौथ का व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान गणेश और सकट माता की पूजा-अर्चना की जाती है।

डमरू वाले आजा, तेरी याद सताए (Damru Wale Aaja Teri Yaad Sataye)

डमरू वाले आजा,
तेरी याद सताए,

हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है?

हनुमान जी भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं। इसलिए, श्रीराम की पूजा में भी हनुमान जी का विशेष महत्व है। हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी दुःख और कष्ट हर लेते हैं।

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