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हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ (Akhiya Hari Darshan Ki Pyasi)

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


देखियो चाहत कमल नैन को,

निसदिन रहेत उदासी,

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


आये उधो फिरी गए आँगन,

दारी गए गर फँसी,

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


केसर तिलक मोतीयन की माला,

ब्रिन्दावन को वासी,

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


काहू के मन की कोवु न जाने,

लोगन के मन हासी,

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


सूरदास प्रभु तुम्हारे दरस बिन,

लेहो करवट कासी,

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥


शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र (Shiv Panchakshar Stotram )

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥ ॥ Shrishivpanchaksharastotram ॥
nagendraharay trilochanay,
bhasmangaragay maheshvaray .
nityay shuddhay digambaray,
tasmai na karay namah shivay .1.

ज्ञान का दान ही सबसे बड़ा हैं (Gyan Ka Daan Hi Sabse Bada Hai)

ज्ञान का दान ही, सबसे बड़ा हैं
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