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जिसके लिए हर मुश्किल, काम आसान है (Jiske Liye Har Mushkil Kaam Aasan Hai)

जिसके लिए हर मुश्किल,

काम आसान है,

वो मेरा बजरंग वीर,

बलि हनुमान है,

हनुमान है, हनुमान है,

बलवान है ये बड़ा,

जिसकें लिए हर मुश्किल,

काम आसान है,

वो मेरा बजरंग वीर,

बलि हनुमान है ॥


राम की सेना का नायक,

माँ अंजनी का ये लाला,

राम लखन का रक्षक ये,

रघुकुल का बना रखवाला,

आया जब जब भी संकट,

बोले हमेशा ये रघुवर,

हनुमान है, हनुमान है,

बलवान है ये बड़ा,

जिसकें लिए हर मुश्किल,

काम आसान है,

वो मेरा बजरंग वीर,

बलि हनुमान है ॥


पता लगाया सिता का,

बूटी संजीवन लाए,

देख करिश्मा हनुमत का,

प्रभु राम जी मुस्काए,

तुमने किया अहसान मुझपर,

गर्व मुझे है तुम पर,

हनुमान है, हनुमान है,

बलवान है ये बड़ा,

जिसकें लिए हर मुश्किल,

काम आसान है,

वो मेरा बजरंग वीर,

बलि हनुमान है ॥


दो दिन सप्ताह में मिला,

मंगल और शनिवार है,

दो सच्चे धरती पे ‘कुंदन’,

बजरंगी दरबार है,

मेहंदीपुर चौपाल लगे,

सालासर में भाग्य जगे,

हनुमान है, हनुमान है,

बलवान है ये बड़ा,

जिसकें लिए हर मुश्किल,

काम आसान है,

वो मेरा बजरंग वीर,

बलि हनुमान है ॥


जिसके लिए हर मुश्किल,

काम आसान है,

वो मेरा बजरंग वीर,

बलि हनुमान है,

हनुमान है, हनुमान है,

बलवान है ये बड़ा,

जिसकें लिए हर मुश्किल,

काम आसान है,

वो मेरा बजरंग वीर,

बलि हनुमान है ॥

आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो (Aao Meri Sakhiyo Mujhe Mehandi Laga Do)

ऐसे वर को क्या वरु,
जो जनमे और मर जाये,

राम नाम तू जप ले रे बंदे, बनेंगे तेरे काम(Ram Naam Tu Japle Re Bande Banenge Tere Kaam)

राम नाम तू जप ले रे बंदे,
बनेंगे तेरे काम,

माता जानकी के जन्म से जुड़ी कथा

माता जानकी का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, जब राजा जनक ने एक दिन खेत जोतते समय एक कन्या को पाया। उन्होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उसका पालन-पोषण किया।

जानकी स्तुति - भइ प्रगट किशोरी (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kishori)

भइ प्रगट किशोरी,
धरनि निहोरी,

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