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आजाआ... ओओओ... आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..
अयोध्या करती है आव्हान, ठाट से कर मंदिर निर्माण ॥
ऐ मालिक तेरे बंदे हम, ऐसे हो हमारे करम
जय जय हो राम तुम्हारी
अवध बिहारी हो, हम आए शरण तिहारी,
अवध में छाई खुशी की बेला, अवध में छाई खुशी की बेला,
अर्जी सुनकर मेरी मैया, घर में मेरे आई,
अरे रे मेरी जान है राधा, तेरे पे क़ुर्बान मैं राधा,
अरे रे मेरा बजरंग बाला, सभी का है रखवाला,
अरे माखन की चोरी छोड़, साँवरे मैं समझाऊँ तोय,