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अवध में छाई खुशी की बेला (Avadh Me Chhai Khushi Ki Bela)

अवध में छाई खुशी की बेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला ।


चौदह साल वन में बिताएं,

राम लखन सिया लौट के आए,

घर घर खुशियां छाई,

लगा है, अवध पुरी में मेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला ।


कौशल्या माँ सुमित्रा कैकई,

सबके मन में आज खुशी भई,

कोई नहीं है अकेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला ।


सिया राम को राज हुआ है,

खुशी से पागल हो रहे सब जन,

गुरु वशिष्ठ और चेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला ।

BhaktiBharat Lyrics


​अवध में छाई खुशी की बेला,

​अवध में छाई खुशी की बेला,

लगा है, अवध पुरी में मेला ।

रामयुग: जय हनुमान - हर हर है हनुवीर का (Jai Hanuman From Ramyug)

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

यही है प्रार्थना प्रभुवर (Yahi Hai Rrarthana Prabhuvar Jeevan Ye Nirala Ho)

सरलता, शीलता, शुचिता हों भूषण मेरे जीवन के।
सचाई, सादगी, श्रद्धा को मन साँचे में ढाला हो॥

होलाष्टक पर भूलकर भी ना करें ये गलती

होलाष्टक की तिथि शुभ कार्य के लिए उचित नहीं मानी जाती है, इन तिथियों के अनुसार इस समय कुछ कार्य करने से सख्त मनाही होती है। क्योंकि इन्हीं दिनों में भक्त प्रह्लाद पर उनके पिता हिरण्यकश्यप ने बहुत अत्याचार किया था।

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे(Dimik Dimik Damru Kar Baje)

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे,
प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,