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लागी तुम संग यारी मेरे बांके बिहारी (Laagi Tum Sang Yaari Mere Banke Bihari)

लागी तुम संग यारी,

मेरे बांके बिहारी,

बांके बिहारी, मेरे कुंज बिहारी,

लागीं तुम संग यारी,

मेरे बांके बिहारी ॥


कटी में पीताम्बर,

गले में है माला,

मुकुट को धारण,

किए है गोपाला,

घूंघराली लट कारी कारी,

मेरे बांके बिहारी,

लागीं तुम संग यारी,

मेरे बांके बिहारी ॥


साँवरी सूरत के,

दर्शन तुम्हारे,

मुरली मनोहर,

जबसे निहारे,

बन बैठे तेरे पुजारी,

मेरे बांके बिहारी,

लागीं तुम संग यारी,

मेरे बांके बिहारी ॥


निधिवन में नित,

रास रचावे,

सब सखियाँ मिल,

गीत सुनावे,

नाचे है बारी बारी,

मेरे बांके बिहारी,

लागीं तुम संग यारी,

मेरे बांके बिहारी ॥


श्री हरिदास के,

प्यारे हो तुम,

मेरी भी आँखों के,

तारे हो तुम,

चरण कमल बलिहारी,

मेरे बांके बिहारी,

लागीं तुम संग यारी,

मेरे बांके बिहारी ॥


लागी तुम संग यारी,

मेरे बांके बिहारी,

बांके बिहारी, मेरे कुंज बिहारी,

लागीं तुम संग यारी,

मेरे बांके बिहारी ॥

बसंत पंचमी पूजा विधि

बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

कालाष्टमी कब मनाई जाएगी

सनातन धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है। इसे भगवान काल भैरव की उपासना का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और विशेष पूजा करने से साधकों को शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि प्राप्त होती है।

रंग पंचमी के उपाय

रंग पंचमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और इसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

होली की पूजा विधि और सामग्री

होली का पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार रंगों के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों का भी प्रतीक है। होलिका दहन से पहले पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

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