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प्रभु जी तुम चंदन हम पानी (Prabhuji Tum Chandan Hum Pani)

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा,

जैसे चितवत चंद्र चकोरा,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम मोती हम धागा,

जैसे सोनहिं मिलत सोहागा,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम दीपक हम बाती,

जाकी जोति बरै दिन राती,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा,

ऐसी भक्ति करे ‘रैदासा’,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम चंदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥

मंगल मूर्ति मारुति नंदन(Mangal Murti Maruti Nandan)

जय श्री हनुमान
जय श्री हनुमान

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है (Jara Der Thehro Ram Tamanna Yahi Hai)

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है
अभी हमने जी भर के देखा नहीं है ॥

मासिक शिवरात्रि पर शिव चालीसा पाठ

हिंदू पंचाग में प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी 14वें दिन मासिक शिवरात्रि के मनाई जाती है। इस विशेष दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है।

धनदालक्ष्मी स्तोत्रम्

देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम्।
कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम्॥

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