नवीनतम लेख

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी (Prabhuji Tum Chandan Hum Pani)

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा,

जैसे चितवत चंद्र चकोरा,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम मोती हम धागा,

जैसे सोनहिं मिलत सोहागा,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम दीपक हम बाती,

जाकी जोति बरै दिन राती,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा,

ऐसी भक्ति करे ‘रैदासा’,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥


प्रभु जी तुम चंदन हम पानी,

जाकी अंग-अंग बास समानी,

प्रभु जी तुम चँदन हम पानी ॥

धनतेरस की पौराणिक कथा

धनतेरस का पर्व प्रति वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे।

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी (Main To Shiv Ki Pujaran Banugi)

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विधि

श्रीकृष्ण पूजन हिन्दू धर्म की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसमें भक्ति और पवित्रता का संगम होता है। इसे विशेषकर जन्माष्टमी या किसी शुभ अवसर पर किया जाता है।

आज होगा हरि-हर मिलन (Aaj Hoga Hari-Har Milan)

उज्जैन में हर साल वैकुंठ चर्तुदशी पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिलता है जब भगवान शिव जिन्हें बाबा महाकाल के रूप में पूजा जाता है।

यह भी जाने