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बता मेरे भोले बाबा रे, तेरी कैसे महिमा गाऊं (Bata Mere Bhole Baba Re Teri Kaise Mahima Gaun)

बता मेरे भोले बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥


हरिद्वार में हर की पौड़ी,

गऊ मुख से ये गंगा बह री,

हरिद्वार में हर की पौड़ी,

गऊ मुख से ये गंगा बह री,

ना मिलता गंग किनारा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं,

बता मेरे भोलें बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥


गंगा जी में गोते लाए,

नीलकंठ तेरे दर्शन पाए,

गंगा जी में गोते लाए,

नीलकंठ तेरे दर्शन पाए,

ये है सौभाग्य हमारा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं,

बता मेरे भोलें बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥


ऋषिकेश का देखो नजर,

लक्ष्मण झूला कितना प्यारा,

ऋषिकेश का देखो नजारा,

लक्ष्मण झूला कितना प्यारा,

ये हाले अजब निराला रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं,

बता मेरे भोलें बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥


कृष्ण पंवार भजन बनावे,

डिंपल महिमा गाना चावे,

कृष्ण पंवार भजन बनावे,

डिंपल महिमा गाना चावे,

गुरु का लिया सहारा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं,

बता मेरे भोलें बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥


बता मेरे भोले बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥


हरिद्वार में हर की पौड़ी,

गऊ मुख से ये गंगा बह री,

हरिद्वार में हर की पौड़ी,

गऊ मुख से ये गंगा बह री,

ना मिलता गंग किनारा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं,

बता मेरे भोलें बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥


गंगा जी में गोते लाए,

नीलकंठ तेरे दर्शन पाए,

गंगा जी में गोते लाए,

नीलकंठ तेरे दर्शन पाए,

ये है सौभाग्य हमारा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं,

बता मेरे भोलें बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥


ऋषिकेश का देखो नजर,

लक्ष्मण झूला कितना प्यारा,

ऋषिकेश का देखो नजारा,

लक्ष्मण झूला कितना प्यारा,

ये हाले अजब निराला रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं,

बता मेरे भोलें बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥


कृष्ण पंवार भजन बनावे,

डिंपल महिमा गाना चावे,

कृष्ण पंवार भजन बनावे,

डिंपल महिमा गाना चावे,

गुरु का लिया सहारा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं,

बता मेरे भोलें बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥


बता मेरे भोले बाबा रे,

तेरी कैसे महिमा गाऊं ॥

लक्ष्मी पंचमी के धन लाभ उपाय

हिंदू धर्म में लक्ष्मी जयंती का विशेष महत्व है। दिन में माता लक्ष्मी की विधि रूप से पूजा करने से धन, वैभव, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ (Akhiya Hari Darshan Ki Pyasi)

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥

श्री गंगा चालीसा (Shri Ganga Chalisa)

जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग ।
जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग ॥

क्या करे इन हाथों का, इतने इतने हाथ (Kya Karein In Hathon Ka Itne Itne Haath)

क्या करे इन हाथों का,
इतने इतने हाथ,