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पकड़ लो हाथ बनवारी (Pakad Lo Hath Banwari)

पकड़ लो हाथ बनवारी,

नहीं तो डूब जाएंगे,

हमारा कुछ ना बिगड़ेगा,

तुम्हारी लाज जाएगी,

पकड़ लों हाथ बनवारी,

नहीं तो डूब जाएंगे ॥


धरी है पाप की गठरी,

हमारे सर पे ये भारी,

वजन पापो का है भारी,

इसे कैसे उठाऐंगे,

पकड़ लों हाथ बनवारी,

नहीं तो डूब जाएंगे ॥


तुम्हारे ही भरोसे पर,

जमाना छोड़ बैठे है,

जमाने की तरफ देखो,

इसे कैसे निभाएंगे,

पकड़ लों हाथ बनवारी,

नहीं तो डूब जाएंगे ॥


दर्दे दिल की कहे किससे,

सहारा ना कोई देगा,

सुनोगे आप ही मोहन,

और किसको सुनाऐंगे,

पकड़ लों हाथ बनवारी,

नहीं तो डूब जाएंगे ॥


फसी है भवँर में नैया,

प्रभु अब डूब जाएगी,

खिवैया आप बन जाओ,

तो बेड़ा पार हो जाये,

पकड़ लों हाथ बनवारी,

नहीं तो डूब जाएंगे ॥


पकड़ लो हाथ बनवारी,

नहीं तो डूब जाएंगे,

हमारा कुछ ना बिगड़ेगा,

तुम्हारी लाज जाएगी,

पकड़ लों हाथ बनवारी,

नहीं तो डूब जाएंगे ॥

ब्रज होली की पौराणिक कथा

होली का नाम सुनते ही हमारे मन में रंगों की खुशबू, उत्साह और व्यंजनों की खुशबू बस जाती है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, लेकिन इसकी उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। हालांकि, होली से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं।

डमरू वाले आजा, तेरी याद सताए (Damru Wale Aaja Teri Yaad Sataye)

डमरू वाले आजा,
तेरी याद सताए,

भगवान शिव क्यों बने थे भिखारी

संसार के सभी जीव-जंतु जीवित रहने हेतु भोजन पर निर्भर रहते हैं। सनातन हिंदू धर्म में देवी अन्नपूर्णा को अन्न के भंडार और इसकी पूर्ति करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। देवी अन्नपूर्णा की पूजा के पीछे एक पौराणिक कथा है।

ॐ नमः शिवाय मंत्र का रहस्य

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।