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प्रभु के चरणों से सच्चा प्यार: भजन (Parbhu Ke Charno Se Sachha Pyar)

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये,

दो चार सहर की बात ही क्या संसार उसी का हो जाये ॥


रावण ने राम से बैर किया उसे अब भी जलाया जाता है,

बन भक्त विभीषण शरण गए घर बार उसी का हो जाए,

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये ॥


गणिका ने कौन से वेद पढे कुब्जा क्या रूप की रानी थी,

जिसमे छल कपट का लेश नहीं घनश्याम उसी का हो जाए,

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये ॥


माया के पुजारी सुन लो तुम उस प्रेम दीवानी मीरा से,

गर प्रेम हो मीरा सा मन में मोहन तेरा भी हो जाए,

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये ॥


आरंभ कीजिए, प्रारंभ कीजिए (Aarambh Kijiye, Prarambh Kijiye)

आरंभ कीजिए, प्रारंभ कीजिए,
त्रैलोक्य पूज्य है राम नाम, शुभारंभ कीजिए,

सवारिये ने भूलूं न एक घडी(Sanwariye Ne Bhule Naa Ek Ghadi)

पूरन ब्रह्म पूरन ज्ञान
है घाट माई, सो आयो रहा आनन्द

हमारे साथ श्री रघुनाथ, तो किस बात की चिंता (Hamare Sath Shri Raghunath Too Kis Baat Ki Chinta)

हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता ।

चोला माटी के हे राम (Chola Maati Ke Hai Ram)

चोला माटी के हे राम,
एकर का भरोसा,