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प्रभु के चरणों से सच्चा प्यार: भजन (Parbhu Ke Charno Se Sachha Pyar)

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये,

दो चार सहर की बात ही क्या संसार उसी का हो जाये ॥


रावण ने राम से बैर किया उसे अब भी जलाया जाता है,

बन भक्त विभीषण शरण गए घर बार उसी का हो जाए,

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये ॥


गणिका ने कौन से वेद पढे कुब्जा क्या रूप की रानी थी,

जिसमे छल कपट का लेश नहीं घनश्याम उसी का हो जाए,

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये ॥


माया के पुजारी सुन लो तुम उस प्रेम दीवानी मीरा से,

गर प्रेम हो मीरा सा मन में मोहन तेरा भी हो जाए,

प्रभु के चरणों से गर सच्चा प्यार किसी को हो जाये ॥


जनवरी में कब है संकष्टी चतुर्थी

सनातन हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि साल की पहली संकष्टी चतुर्थी लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानी जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान गणेश जी और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है।

Mann Mein Basakar Teri Murti (मन में बसाकर तेरी मूर्ति)

मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥

हो दीनानाथ(Ho Deenanath)

सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार

बसंत पंचमी पर पीले कपड़े क्यों पहनते हैं?

बसंत पंचमी सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित है और हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।