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परदे में बैठे, यूँ ना मुस्कुराइये (Parde Me Bethe Bethe Yun Na Muskuraiye)

परदे में बैठे-बैठे,

यूँ ना मुस्कुराइये,

आ गए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥


परदा तेरा हमें नहीं,

मंजूर सांवरे,

बैठा है छुप के दीवानो से,

क्यों दूर सांवरे,

मैं भी तो आया दो कदम,

जरा तुम भी बढ़ाइए,

आगए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥


हम चाहने वाले हैं तेरे,

हमे है तुमसे मोहब्बत,

कर दो करम जरा दिखा दो,

अब सांवरी सूरत,

प्यासी निगाहे दीद की,

जरा नजरे मिलाइए,

आ गए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥


तेरी इक झलक को प्यारे,

मेरा अब दिल बेकरार है,

दीदार की तमन्ना मुझे अब,

तेरा इंतजार है,

रह-रह के हमें इस तरह,

यूँ न सताइए,

आ गए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥


तू ही जिंदगी है बंदगी,

तू ही आरजू हमारी,

अरमान मेरे दिल का करो,

पूरा बांके बिहारी

चित्र विचत्र को अपने प्रेम का,

पागल बनाइये ,

आ गए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥


परदे में बैठे-बैठे,

यूँ ना मुस्कुराइये,

आ गए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥

मेरे सोये भाग जगा भी दो(Mere Soye Bhag Jga Bhi Do Shiv Damaru Wale)

मेरे सोये भाग जगा भी दो,
शिव डमरू वाले,

उगादी त्योहार क्यों मनाया जाता है

उगादि दक्षिण भारत में एक महत्वपूर्ण नववर्ष उत्सव होता है। "उगादि" शब्द संस्कृत के "युग" अर्थात् "युग की शुरुआत" और "आदि" अर्थात् "आरंभ" से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है नए युग का आरंभ।

छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना (Cham Cham Nache Dekho Veer Hanumana)

छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना

आओ आ जाओ भोलेनाथ (Aao Aa Jao Bholenath)

आओ आ जाओ भोलेनाथ,
तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,