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परदे में बैठे, यूँ ना मुस्कुराइये (Parde Me Bethe Bethe Yun Na Muskuraiye)

परदे में बैठे-बैठे,

यूँ ना मुस्कुराइये,

आ गए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥


परदा तेरा हमें नहीं,

मंजूर सांवरे,

बैठा है छुप के दीवानो से,

क्यों दूर सांवरे,

मैं भी तो आया दो कदम,

जरा तुम भी बढ़ाइए,

आगए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥


हम चाहने वाले हैं तेरे,

हमे है तुमसे मोहब्बत,

कर दो करम जरा दिखा दो,

अब सांवरी सूरत,

प्यासी निगाहे दीद की,

जरा नजरे मिलाइए,

आ गए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥


तेरी इक झलक को प्यारे,

मेरा अब दिल बेकरार है,

दीदार की तमन्ना मुझे अब,

तेरा इंतजार है,

रह-रह के हमें इस तरह,

यूँ न सताइए,

आ गए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥


तू ही जिंदगी है बंदगी,

तू ही आरजू हमारी,

अरमान मेरे दिल का करो,

पूरा बांके बिहारी

चित्र विचत्र को अपने प्रेम का,

पागल बनाइये ,

आ गए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥


परदे में बैठे-बैठे,

यूँ ना मुस्कुराइये,

आ गए तेरे दीवाने,

जरा परदा हटाइए ॥

सोना चांदी हिरे मोती - भजन (Sona Chandi Heera Moti)

सोना चांदी हिरे मोती,
रंगले बंगले महल चौबारे ॥

ज्वारे और अखंड ज्योत की परंपरा

तैत्तिरीय उपनिषद में अन्न को देवता कहा गया है- अन्नं ब्रह्मेति व्यजानत्। साथ ही अन्न की निंदा और अवमानना ​​का निषेध किया गया है- अन्नं न निन्द्यात् तद् व्रत। ऋग्वेद में अनेक अनाजों का वर्णन है I

तुम्हारी याद आती है, बताओ क्या करें मोहन(Tumhari Yaad Aati Hai Batao Kya Karen Mohan)

तुम्हारी याद आती है,
बताओ क्या करें मोहन,

मैं उस दरबार का सेवक हूँ जिस दर की अमर कहानी है (Main Us Darbaar Ka Sevak Hu)

मैं उस दरबार का सेवक हूँ,
जिस दर की अमर कहानी है,