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सजधज कर जिस दिन, मौत की शहजादी आएगी (Saj Dhaj Kar Jis Din Maut Ki Sahjadi Aayegi)

सजधज कर जिस दिन,

मौत की शहजादी आएगी,

ना सोना काम आएगा,

ना चांदी आएगी,

ना सोना काम आएगा,

ना चांदी आएगी ॥


छोटा सा तू,

कितने बड़े अरमान हैं तेरे,

मिट्टी का तु,

सोने के सामान हैं तेरे,

मिट्टी की काया मिट्टी में,

जिस दिन समाएगी,

ना सोना काम आएगा,

ना चांदी आएगी ॥


पर खोल ले तू पंछी,

पिंजरा तोड़ के उड़ जा,

माया महल के सारे,

बंधन छोड़ के उड़ जा,

धड़कन में जिस दिन,

मौत तेरी गुनगुनायेगी,

ना सोना काम आएगा,

ना चांदी आएगी ॥


अच्छे किए तूने करम,

तो पाया मानुष तन,

और पाप की क्यों भटका,

है ये पापी तेरा मन,

ये पाप की नैया तुझको,

एक दिन डुबाएगी,

ना सोना काम आएगा,

ना चांदी आएगी ॥


जैसा किया है तुने,

तेरे साथ जायेगा,

बोये है काँटे तूने,

कैसे फूल पायेगा,

ये पाप कि गठरी,

तुझे एक दिन डुबायेगी,

ना सोना काम आएगा,

ना चांदी आएगी ॥


भाई भतीजे बन्धू सब,

मतलब के है सारे,

कोइ नही कुछ काम,

तेरे आएँगे प्यारे,

करनी हि तेरी बावरे,

संग तेरे जाएगी,

ना सोना काम आएगा,

ना चांदी आएगी ॥


सजधज कर जिस दिन,

मौत की शहजादी आएगी,

ना सोना काम आएगा,

ना चांदी आएगी,

ना सोना काम आएगा,

ना चांदी आएगी ॥

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम - शब्द कीर्तन (Swasa Di Mala Nal Simaran Main Tera Nam)

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,
तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम,

षटतिला एकादशी पूजा विधि

हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल ये व्रत 25 जनवरी, 2025 को रखा जाएगा । इस दिन सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

स्कंद षष्ठी व्रत की पौराणिक कथा

स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय जिन्हें मुरुगन, सुब्रमण्यम और स्कंद के नाम से भी जाना जाता है उनकी पूजा को समर्पित है। यह व्रत मुख्यतः दक्षिण भारत में मनाया जाता है। भगवान कार्तिकेय को युद्ध और शक्ति के देवता के रूप में पूजते हैं।

शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् (Shiv Panchakshar Stotram)

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै न काराय नमः शिवाय॥1॥

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