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सतगुरु मैं तेरी पतंग(Satguru Main Teri Patang)

सतगुरु मैं तेरी पतंग,

बाबा मैं तेरी पतंग,

हवा विच उडदी जावांगी,

हवा विच उडदी जावांगी ।

साईयां डोर हाथों छोड़ी ना,

मैं कट्टी जावांगी ॥


तेरे चरना दी धूलि साईं माथे उते लावां,

करा मंगल साईंनाथ गुण तेरे गावां।

साईं भक्ति पतंग वाली डोर, अम्बरा विच उडदी फिरा ॥


बड़ी मुश्किल दे नाल मिलेय मेनू तेरा दवारा है ।

मेनू इको तेरा आसरा नाले तेरा ही सहारा है ।

हुन तेरे ही भरोसे, हवा विच उडदी जावांगी,

साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥


ऐना चरना कमला नालो मेनू दूर हटावी ना ।

इस झूठे जग दे अन्दर मेरा पेचा लाई ना ।

जे कट गयी ता सतगुरु, फेर मैं लुट्टी जावांगी,

साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥


अज्ज मलेया बूहा आके मैं तेरे द्वार दा ।

हाथ रख दे एक वारि तूं मेरे सर ते प्यार दा ।

फिर जनम मरण दे गेडे तो मैं बच्दी जावांगी,

साईंया डोर हाथों छोड़ी ना, मैं कट्टी जावांगी ॥


भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विधि

श्रीकृष्ण पूजन हिन्दू धर्म की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसमें भक्ति और पवित्रता का संगम होता है। इसे विशेषकर जन्माष्टमी या किसी शुभ अवसर पर किया जाता है।

पवन पुत्र हनुमान तुम्हारी, अजब अनोखी माया है (Pawan Putra Hanuman Tumhari Ajab Anokhi Maya Hai)

पवन पुत्र हनुमान तुम्हारी,
अजब अनोखी माया है,

धनदालक्ष्मी स्तोत्रम्

देवी देवमुपागम्य नीलकण्ठं मम प्रियम्।
कृपया पार्वती प्राह शंकरं करुणाकरम्॥

ब्रजराज ब्रजबिहारी! इतनी विनय हमारी (Brajaraj Brajbihari Itni Vinay Hamari)

ब्रजराज ब्रजबिहारी, गोपाल बंसीवारे
इतनी विनय हमारी, वृन्दा-विपिन बसा ले