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तृष्णा ना जाए मन से - भजन (Trishna Na Jaye Man Se)

तृष्णा ना जाये मन से ॥


दोहा – मथुरा वृन्दावन सघन,

और यमुना के तीर,

धन्य धन्य माटी सुघर,

धन्य कालिंदी नीर ॥

कृष्णा बोलो कृष्णा,

हरे कृष्णा राधे कृष्णा ॥


तृष्णा ना जाये मन से,

कृष्णा ना आये मन में,

जतन करूँ मैं हजार,

कैसे लगेगी नैया पार,

घनश्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥


इक पल माया साथ ना छोड़े,

जिधर जिधर चाहे मुझे मोड़े,

हरी भक्ति से हरी पूजन से,

मेरा रिश्ता नाता तोड़े,

माया ना जाये मन से,

भक्ति ना आये मन में,

जीवन ना जाये बेकार,

कैसे लगेगी नैया पार,

मेरे श्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥


क्षमा करो मेरे गिरिवर धारी,

चंचलता मन की लाचारी,

लगन जगा दो मन में स्वामी,

तुम हो प्रभु जी अंतर्यामी,

मन ना बने अनुरागी,

भावना बने ना त्यागी,

दया करो करतार,

कैसे लगेगी नैया पार,

घनश्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥


तृष्णा ना जाए मन से,

कृष्णा ना आये मन में,

जतन करूँ मैं हजार,

कैसे लगेगी नैया पार,

घनश्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥

जय श्री श्याम जपो जय श्री श्याम (Jai Shri Shyam Japo Jai Shri Shyam)

जय श्री श्याम जपो,
जय श्री श्याम,

2025 की पहली बैकुंठ एकादशी कब है

सनातन धर्म में बैकुंठ एकादशी का विषेश महत्व है। इस पवित्र दिन पर भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु उपरांत बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है।

भस्मी लगाएं बाबा, उज्जैन के वो राजा (Bhasmi Lagaye Baba Ujjain Ke Vo Raja)

कालो के काल है,
मृत्यु के है वो राजा,

हे कृष्ण गोपाल हरि हे दीन दयाल हरि (Hey Krishna Gopal Hari He Deen Dayal Hari)

हे कृष्ण गोपाल हरि,
हे दीन दयाल हरि,