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तृष्णा ना जाए मन से - भजन (Trishna Na Jaye Man Se)

तृष्णा ना जाये मन से ॥


दोहा – मथुरा वृन्दावन सघन,

और यमुना के तीर,

धन्य धन्य माटी सुघर,

धन्य कालिंदी नीर ॥

कृष्णा बोलो कृष्णा,

हरे कृष्णा राधे कृष्णा ॥


तृष्णा ना जाये मन से,

कृष्णा ना आये मन में,

जतन करूँ मैं हजार,

कैसे लगेगी नैया पार,

घनश्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥


इक पल माया साथ ना छोड़े,

जिधर जिधर चाहे मुझे मोड़े,

हरी भक्ति से हरी पूजन से,

मेरा रिश्ता नाता तोड़े,

माया ना जाये मन से,

भक्ति ना आये मन में,

जीवन ना जाये बेकार,

कैसे लगेगी नैया पार,

मेरे श्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥


क्षमा करो मेरे गिरिवर धारी,

चंचलता मन की लाचारी,

लगन जगा दो मन में स्वामी,

तुम हो प्रभु जी अंतर्यामी,

मन ना बने अनुरागी,

भावना बने ना त्यागी,

दया करो करतार,

कैसे लगेगी नैया पार,

घनश्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥


तृष्णा ना जाए मन से,

कृष्णा ना आये मन में,

जतन करूँ मैं हजार,

कैसे लगेगी नैया पार,

घनश्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥

मीठे रस से भरीयो री, राधा रानी लागे(Mithe Ras Se Bharyo Ri Radha Rani Lage)

मीठे रस से भरीयो री,
राधा रानी लागे।

माघ गुप्त नवरात्रि विशेष उपाय

साल 2025 की पहली गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से प्रारंभ हो रही है। माघ मास में पड़ने के कारण यह गुप्त नवरात्रि बेहद खास होती है। इस बार माघ मास में महाकुंभ भी है। ऐसे में इस गुप्त नवरात्रि का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।

फाल्गुन शुक्ल आमलकी नाम एकादशी व्रत (Falgun Shukal Aamlaki Naam Ekadashi Vrat)

एक समय अयोध्या नरेश महाराज मान्धाता ने प अपने कुल गुरु महर्षि वसिष्ठ जी से पूछा-भगवन् ! कोई अत्यन्त उत्तम और अनुपम फल देने वाले व्रत के इतिहास का वर्णन कीजिए, जिसके सुनने से मेरा कल्याण हो।