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तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया - भजन (Tu Tedha Teri Tedhi Re Najariya)

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया,

मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया ॥


मथुरा तेरो टेढ़ो,

वृन्दावन तेरो टेढ़ो,

टेढ़ी रे तेरी गोकुल नगरिया ॥


राधा तेरी टेढ़ी,

बलदाऊ तेरे टेढ़े,

टेढ़ी रे तेरी यशोदा डुकरिया ॥


मुकुट तेरो टेढो,

लकुट तेरी टेढ़ी,

टेढ़ी रे श्याम तेरे मुख की मुरलिया ॥


ओ टेढ़े तेरी,

मुरली की धुन पे,

नाच नाच भई टेढ़ी रे कमरिया ॥


गोपी सब टेढ़ी,

ग्वाल सब टेढ़े,

टेढ़ी रे तेरे प्रेम की डगरिया ॥


भक्त सब टेढ़े,

भक्तानी सब टेढ़ी,

सीधी रे श्याम राधा गुजरिया ॥


रूप के रसिया ते,

रूप छिपाओ,

माखन मांगू तो आँखे दिखाओ,

टेढ़ो नवनितो का करूँ जे बताओ,

घी निकरे ना बिन टेढ़ी उँगरिया,

सीधे को नाए गुजारो री गुजरिया ॥


तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया,

मै सीधी मेरी सीधी रे डगरिया,

तू टेढ़ा तेरी टेढ़ी रे नजरिया ॥

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,
निर्धन के घर भी आ जाना ।

मां काली की पूजा विधि

मां काली को शक्ति, विनाश और परिवर्तन की प्रतीक हैं। उन्हें दुर्गा का एक रूप माना जाता है और वे दस महाविद्याओं में से एक हैं। मां काली का रूप उग्र और भयानक है, लेकिन वे अपने भक्तों के लिए सुरक्षा प्रदान करती हैं।

बालाजी ने ध्याले तू: भजन (Balaji Ne Dhyale Tu)

मंगलवार शनिवार,
बालाजी ने ध्याले तू,

गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है

गुड़ी पड़वा मुख्य रूप से चैत्र माह में नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसी दिन से नववर्ष की शुरुआत भी होती है। इस साल गुड़ी पड़वा 30 मार्च, रविवार को मनाई जाएगी और इसी दिन चैत्र नवरात्रि भी शुरू होगी।