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दर्शन कर लो रे भक्तो, मेहंदीपुर धाम का (Darshan Kar Lo Re Bhakto Mehandipur Dham Ka)

दर्शन कर लो रे भक्तो,

मेहंदीपुर धाम का,

डंका बाजे है यहाँ पे,

बाबा के नाम का,

दर्शन कर लो रे भक्तों,

मेहंदीपुर धाम का ॥


ये सच्चा दरबार यहाँ पे,

रहते बजरंग बाला,

अंजनी माँ के लाला,

प्रेतराज भैरो संग जी के,

भूतो का ये दीवाना,

जादू करे निराला,

चर्चा है भारी है जग में,

इनके तो काम का,

डंका बाजे है यहाँ पे,

बाबा के नाम का,

दर्शन कर लो रे भक्तों,

मेहंदीपुर धाम का ॥


इस मंदिर में आकर देखो,

मूरत राम सिया की,

मूरत राम सिया की,

बड़े ही मनभावन है भक्तो,

यहाँ पे इनकी झांकी,

सबके मन को भाति,

प्यारा नज़ारा यहाँ तो,

आठों ही याम का,

डंका बाजे है यहाँ पे,

बाबा के नाम का,

दर्शन कर लो रे भक्तों,

मेहंदीपुर धाम का ॥


ये है पंचमुखी हनुमाना,

शक्ति इनकी भारी,

ये शिव के अवतारी,

करके इनको नमन यहाँ पे,

लौटते है नर नारी,

इनकी महिमा न्यारी,

सारा ही खेल ये तो,

प्रभु श्री राम का,

डंका बाजे है यहाँ पे,

बाबा के नाम का,

दर्शन कर लो रे भक्तों,

मेहंदीपुर धाम का ॥


दर्शन कर लो रे भक्तो,

मेहंदीपुर धाम का,

डंका बाजे है यहाँ पे,

बाबा के नाम का,

दर्शन कर लो रे भक्तों,

मेहंदीपुर धाम का ॥

कैसी यह देर लगाई दुर्गे... (Kaisi Yeh Der Lagayi Durge)

कैसी यह देर लगाई दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी।
भव सागर में घिरा पड़ा हूँ, काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ।

षटतिला एकादशी में तुलसी का महत्व

हिंदू धर्म में पूरे साल में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से प्रत्येक को विशेष माना जाता है। उन्हीं में से एक षटतिला एकादशी है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी कहते हैं।

धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये, तीन लोक (Dhan Dhan Bholenath Bant Diye Teen Lok)

प्रथम वेद ब्रह्मा को दे दिया,
बना वेद का अधीकारी ।

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो (Piyo Ji Maine Ram Ratan Dhan Payo)

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।

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