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बम बाज रही भोले की, चारों दिशाएं - भजन (Bam Baj Rahe Bhole Ki Charo Dishaye)

बम बाज रही भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे कौना ने बो दए धतूरा,

अरे कौना ने बो दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


मोरे भोला ने बो दए धतूरा,

गौरा रानी ने बो दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे कौना ने सींचे धतूरा,

अरे कौना ने सींच दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


मोरे भोला ने सींचे धतूरा,

गौरा रानी ने सींच दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे कौना ने खा लई धतूरा,

कौना ने पी लई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे नंदी ने खा लई धतूरा,

मोरे भोले ने पि लई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


बम बाज रही भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥

मेरे नैनों की प्यास बुझा दे

मेरे नैनों की प्यास बुझा दे
माँ, तू मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)

रंग पंचमी कैसे मनाई जाती है

रंग पंचमी भारत का एक प्रमुख रंगीन त्योहार है, जो होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इसे भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की होली से जोड़कर देखा जाता है।

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