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राम आ गए, धन्य भाग्य शबरी हर्षाए(Ram Aa Gaye Dhanya Bhagya Sabari Harshaye)

राम आ गए,

धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥


आँखों में प्रेम आंसू,

चरणों को धो रही है,

मारे ख़ुशी के शबरी,

व्याकुल सी हो रही है,

क्या लाऊँ क्या खिलाऊँ,

कुछ भी समझ ना आए,

राम आ गये,

धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥


वन से जो तोड़कर वो,

दोना में बेर लायी,

सकुचा के मन में शबरी,

श्री राम को बढ़ाई,

श्री राम को दिया जब,

तो भी लखन ना खाए,

राम आ गये,

धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥


राम आ गए,

धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥

दिवाली 2024 तिथि: दिवाली कब है? 31 अक्टूबर या 1 नवंबर

दीपावली या दिवाली हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में एक है। यह त्योहार भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में बसे हिंदुओं के बीच श्रद्धा भक्ति और हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

हरछठ (Har Chhath)

हरछठ या हलछठ पर्व के दिन व्रत रखने से संतान-सुख की प्राप्ति होती है। अब आपके दिमाग में हरछठ व्रत को लेकर कई सवाल आ रहे होंगे। तो आइए आज भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हरछठ पर्व क्या है और इसमें व्रत रखने से हमें क्यों संतान प्राप्ति होती है?

मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान (Maine Tere Hi Bharose Hanuman)

मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ (Akhiya Hari Darshan Ki Pyasi)

हरी दर्शन की प्यासी अखियाँ
अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी ॥