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राम आ गए, धन्य भाग्य शबरी हर्षाए(Ram Aa Gaye Dhanya Bhagya Sabari Harshaye)

राम आ गए,

धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥


आँखों में प्रेम आंसू,

चरणों को धो रही है,

मारे ख़ुशी के शबरी,

व्याकुल सी हो रही है,

क्या लाऊँ क्या खिलाऊँ,

कुछ भी समझ ना आए,

राम आ गये,

धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥


वन से जो तोड़कर वो,

दोना में बेर लायी,

सकुचा के मन में शबरी,

श्री राम को बढ़ाई,

श्री राम को दिया जब,

तो भी लखन ना खाए,

राम आ गये,

धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥


राम आ गए,

धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥

जल जाये जिह्वा पापिनी, राम के बिना (Jal Jaaye Jihwa Papini, Ram Ke Bina)

राम बिना नर ऐसे जैसे,
अश्व लगाम बिना ।

रसिया को नार बनावो री रसिया को(Rasiya Ko Naar Banavo Ri Rasiya Korasiya Ko)

बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे
होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी

है हारें का सहारा श्याम (Hai Haare Ka Sahara Shyam)

है हारे का सहारा श्याम,
लखदातार है तू ॥

दिसंबर में कब है अनंग त्रयोदशी व्रत

प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा को समर्पित एक पवित्र दिन है। इसे हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।