2025 की पहली शनि त्रयोदशी कब है

10 या 11 जनवरी, कब है 2025 की पहली शनि त्रयोदशी, जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त 


जब शनिवार और त्रयोदशी तिथि एक साथ आती है तो उसे शनि त्रयोदशी कहते हैं। यह एक खास दिन होता है। यह हर महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है। कहते हैं इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शनि दोष दूर होता है। आइए जानते हैं कि साल 2025 की पहली शनि त्रयोदशी कब है और इस दिन का महत्व क्या है? 


शनि त्रयोदशी 2025 शुभ मुहूर्त 


शनि त्रयोदशी की तिथि 11 जनवरी को सुबह 08 बजकर 21 मिनट से 12 जनवरी को सुबह 06 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। शनि प्रदोष पूजा मुहूर्त शाम 05 बजकर 43 मिनट से शाम 08 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। शनि पूजा मुहूर्त की बात करें तो यह शाम में 5 बजकर 43 मिनट से 8 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। 


शनि त्रयोदशी महत्व


शनि दोष निवारण के लिए शनि त्रयोदशी को एक उत्तम दिन माना गया है। शनि दोष के कारण जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं। शनि त्रयोदशी के दिन व्रत और पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। वह सभी के कर्मों के अनुसार फल देते हैं। सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन शनि त्रयोदशी व्रत को महत्वपूर्ण बताया गया है। इस दिन शनि देव की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।


........................................................................................................
कान्हा तेरी मुरली की, जो धुन बज जाए (Kanha Teri Murli Ki Jo Dhun Baj Jaaye)

कान्हा तेरी मुरली की,
जो धुन बज जाए,

अन्वधान और इष्टी क्या है

भारत के त्योहार और अनुष्ठान वैदिक परंपराओं में गहराई से निहित हैं। इसमें से अन्वधान और इष्टि का विशेष महत्व है। ये अनुष्ठान कृषि चक्रों और आध्यात्मिक कायाकल्प के साथ जुड़े होते हैं।

दया करो हे दयालु गणपति (Daya Karo Hey Dayalu Ganpati)

शरण में आये है हम तुम्हारी,
दया करो हे दयालु गणपति,

आये है दिन सावन के (Aaye Hain Din Sawan Ke)

आये है दिन सावन के,
गंगा जल से भर के गगरिया,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।